Friday, July 1, 2022

Hindi Poem + Lessons

 





1.1 With The poem Itnai Ucha Uto (video + piture + Q and A )



इतने ऊँचे उठो



 इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है।

देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से

सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से

जाति भेद की, धर्म-वेश की

काले गोरे रंग-द्वेष की

ज्वालाओं से जलते जग में

इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है॥

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